Non Veg Milk: India-US ट्रेड डील क्यों रुकी? क्या आपका दूध शुद्ध शाकाहारी है? जानिए 7 बड़े कारण

Non Veg Milk Controversy: भारत-अमेरिका ट्रेड डील क्यों रुकी? जानिए 7 बड़े कारण,भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित ट्रेड डील Non Veg Milk विवाद के कारण टल गई है। जानिए इस विवाद की असली वजह और इसका आर्थिक असर।

Non Veg Milk Controversy: India-US ट्रेड डील क्यों रुकी? जानिए सच्चाई और सरकारी दिशा-निर्देश

क्या आपका दूध शाकाहारी है? Non Veg Milk विवाद से देश में हड़कंप मचा है। यह पहली बार नहीं है जब Non Veg Milk से जुड़ा विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। भारत में इस मुद्दे पर मचे शोर से पहले, यूरोप जैसे क्षेत्रों में भी यह विषय चर्चा का कारण बन चुका है।

Non veg cow milk

आजकल सोशल मीडिया और खबरों में Non Veg Milk शब्द खूब सुनने को मिल रहा है। क्या वाकई में हमारे घरों में आने वाला दूध 100% शाकाहारी नहीं है?

दरअसल, कुछ डेयरी फार्म्स में मवेशियों (आमतौर पर गाय, बैल, भैंस और अन्य खुर वाले जानवरों को संदर्भित करता है जिन्हें मांस, दूध या खाल के लिए पाला जाता है) को ऐसे चारे दिए जा रहे हैं जिनमें मांसाहारी घटक या मांस-आधारित बायप्रोडक्ट्स पाए जा सकते हैं। इससे उस दूध की ‘शुद्धता’ पर सवाल उठता है। लेकिन सवाल यह है कि क्या भारत में ऐसा दूध बिक रहा है और क्या यह नियमों के खिलाफ है?

इसका व्यापार पर क्या असर पड़ा?

India-US Trade Deal में Dairy सेक्टर एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। भारत चाहता था कि अमेरिकी आयात शुल्क कम किए जाएं, जबकि अमेरिका चाहता था कि भारतीय डेयरी प्रोडक्ट्स को उनके मानकों के अनुसार प्रमाणित किया जाए।

Non Veg Milk विवाद के चलते इस व्यापारिक सौदे को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है। यह स्थिति न सिर्फ भारत के डेयरी निर्यातकों के लिए चिंता का विषय है, बल्कि इससे राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हो सकती है।

भारत का पक्ष

भारत सरकार और डेयरी बोर्ड ने साफ़ कहा है कि हमारे देश में अधिकांश गायों को शुद्ध शाकाहारी चारा दिया जाता है, और दूध पूर्णतः शाकाहारी है। हालांकि कुछ कॉर्पोरेट डेयरी फार्मों पर ऐसे प्रयोग हुए हैं, लेकिन यह आम प्रथा नहीं है।

सरकार ने यह भी कहा कि अमेरिका इस मुद्दे को जरूरत से ज्यादा बड़ा बना रहा है।

इस पर भारत सरकार ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

Milk Non veg US India

FSSAI के अनुसार दूध में Non-Veg सामग्री की अनुमति नहीं

भारत सरकार की FSSAI संस्था ने अपनी Milk and Milk Products गाइडलाइंस में यह स्पष्ट किया है कि दूध में केवल वे तत्व मिलाए जा सकते हैं जो शाकाहारी और सुरक्षित हों। किसी भी प्रकार की मांसाहारी सामग्री जैसे gelatin, animal enzymes या blood byproducts की अनुमति नहीं है।

स्रोत: FSSAI Milk Products Standards

DAHD का निर्देश: शुद्ध शाकाहारी चारा जरूरी

31 मार्च 2023 को पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, अब भारत में वही विदेशी दूध स्वीकार किया जाएगा जो उन जानवरों से लिया गया हो जिन्हें मांसाहारी आहार नहीं दिया गया हो, केवल शाकाहारी चारा (Plant-Based Feed) दिया गया हो।

स्रोत: DAHD Veterinary Health Certificate Guidelines

तो क्या करें उपभोक्ता?

  • FSSAI Certified दूध ही खरीदें।
  • डेयरी ब्रांड से चारा और पशु आहार की जानकारी मांगें।
  • Organic या Plant-Based feed पर आधारित डेयरियों को प्राथमिकता दें।

मांसाहारी दूध (Non Veg Milk) जैसे मुद्दों के बारे में उपभोक्ताओं को जागरूक करना ज़रूरी है। यह मुद्दा सिर्फ़ स्वास्थ्य का नहीं है, ‘मांसाहारी दूध’ का मुद्दा सिर्फ़ डेयरी उत्पादों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसने धार्मिक विश्वास, उपभोक्ता के भरोसे और सरकार की पारदर्शिता नीति को भी प्रभावित किया है। अब यह मुद्दा वैश्विक व्यापार और खाद्य गुणवत्ता से भी जुड़ चुका है। भारत को पारदर्शिता और वैश्विक मानकों के बीच संतुलन बनाकर आगे बढ़ना होगा।

विशेषज्ञों की राय

कृषि विशेषज्ञों और पशु पोषण वैज्ञानिकों का मानना है कि दूध का शुद्ध शाकाहारी होना तभी संभव है जब पशुओं को केवल शाकाहारी आहार दिया जाए। हालांकि तकनीकी रूप से दूध “Animal Product” है, लेकिन इसमें कोई मांस या रक्त नहीं होता, इसलिए इसे शाकाहारी माना जाता है।

आगे क्या हो सकता है?

  1. अमेरिका के साथ बातचीत में पारदर्शिता बढ़ानी होगी।
  2. भारत को अपने डेयरी प्रोडक्ट्स के लिए स्पष्ट Labeling Policy अपनानी होगी।
  3. Non Veg Milk को लेकर फैले भ्रम को दूर करने के लिए जनजागृति आवश्यक है।

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