Corruption Index

Global Corruption Index 2025: भारत की रैंकिंग ने चौंकाया, जानें पूरी रिपोर्ट

Corruption Index 2025: सबसे ईमानदार और भ्रष्ट देश, भारत की स्थिति जानिए

Corruption Index क्या है?

Corruption Index जिसे CPI (Corruption Perceptions Index) भी कहते हैं, एक ग्लोबल रिपोर्ट है जिसे हर साल Transparency International जारी करता है। इसका मकसद यह बताना होता है कि दुनिया के अलग-अलग देशों में भ्रष्टाचार का स्तर कितना है

यह स्कोर 0 से 100 तक होता है –

  • 0 मतलब सबसे ज्यादा भ्रष्ट
  • 100 मतलब सबसे ईमानदार
Corruption Index 2025 Global Ranking

2025 की रिपोर्ट में भारत की रैंक

Corruption Index 2025 में भारत को 100 में से 40 अंक मिले हैं। इस आधार पर भारत की रैंकिंग 180 देशों में 83वीं है।

पिछले साल (2024) में भारत की रैंक 85 थी, यानी इस बार भारत ने 2 पायदान की सुधार किया है।

सबसे ईमानदार देश 2025

रिपोर्ट के मुताबिक, Top 5 Honest Countries in the World 2025

  1. Denmark – 90/100
  2. Finland – 88/100
  3. New Zealand – 87/100
  4. Norway – 85/100
  5. Singapore – 84/100

इन देशों में governance system मजबूत, कानून सख्त और public transparency ज्यादा है।

India Corruption Ranking

सबसे भ्रष्ट देश 2025

रिपोर्ट में कुछ देशों को सबसे भ्रष्ट बताया गया है – Top 5 Corrupt Countries in the World 2025

  1. South Sudan – 13/100
  2. Syria – 14/100
  3. Somalia – 15/100
  4. Afghanistan – 18/100
  5. Venezuela – 20/100

यहां political instability, weak law system और corruption high-level पर मौजूद है।

भारत की चुनौतियाँ

भारत में भ्रष्टाचार Corruption in India आज भी एक बड़ा मुद्दा है, जो जनता की उम्मीदों और विकास दोनों को प्रभावित करता है।

Corruption Transparency International Report
  • नौकरशाही और ठेका प्रणाली में पारदर्शिता की कमी: कई बार सरकारी ठेकों और परियोजनाओं के बँटवारे में नियमों का पालन सही ढंग से नहीं होता। इसका सीधा असर जनता के पैसों और काम की गुणवत्ता पर पड़ता है।
  • चुनावी चंदे का खुला हिसाब न होना: राजनीतिक दलों को मिलने वाले बड़े-बड़े चंदे का स्रोत जनता तक नहीं पहुँचता। इस कारण चुनावी खर्चों में काले धन की भूमिका बनी रहती है।
  • सार्वजनिक सेवाओं में रिश्वत की शिकायतें: आम नागरिक को पासपोर्ट, बिजली कनेक्शन, या प्रमाणपत्र जैसे बुनियादी कार्यों के लिए भी रिश्वत देनी पड़ती है। यह व्यवस्था पर भरोसे को कमजोर करता है।
  • न्यायिक विलंब से मामलों का लंबा खिंचना: अदालतों में लाखों मामले सालों तक लंबित रहते हैं। इस देरी से भ्रष्टाचार से जुड़े आरोपी बच निकलते हैं और कानून का डर कम हो जाता है।

बेहतर स्थिति की ओर कदम

हालाँकि स्थिति पूरी तरह नकारात्मक नहीं है। पिछले वर्षों में कुछ सुधार देखने को मिले हैं।

  • डिजिटल इंडिया और ई-शासन ने पारदर्शिता बढ़ाई: ऑनलाइन सेवाओं से काम तेज़ हुआ और बिचौलियों की भूमिका घटी। अब आम नागरिक कई सरकारी सेवाओं का लाभ घर बैठे उठा पा रहा है।
  • प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) से बिचौलियों की भूमिका कम हुई: सरकारी योजनाओं का पैसा सीधे लाभार्थियों के खाते में पहुँचता है। इससे भ्रष्टाचार कम हुआ और लोगों को सही लाभ मिलने लगा।
  • सूचना का अधिकार (RTI) से जनता को जवाबदेही का अधिकार मिला: नागरिक किसी भी सरकारी विभाग से सीधी जानकारी ले सकते हैं। इससे अधिकारी जवाबदेह बने और पारदर्शिता बढ़ी।
  • यूपीआई (UPI) और डिजिटल भुगतान ने नकद भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई: छोटे-मोटे लेन-देन अब ऑनलाइन होने लगे हैं। नकद पैसों के कम इस्तेमाल से रिश्वतखोरी की संभावना घटी है।

भारत को आगे क्या करना होगा?

भ्रष्टाचार पर पूरी तरह काबू पाने के लिए भारत को कुछ ठोस कदम उठाने होंगे।

  • चुनावी चंदा प्रणाली पारदर्शी बनानी होगी: सभी राजनीतिक फंडिंग का पूरा ब्यौरा सार्वजनिक होना चाहिए। इससे जनता का लोकतंत्र पर भरोसा और मजबूत होगा।
  • न्यायिक सुधार से त्वरित न्याय सुनिश्चित करना होगा: लंबित मामलों को कम करने के लिए नए न्यायालय और तकनीक अपनानी होगी। तेज़ फैसलों से भ्रष्टाचारियों में डर पैदा होगा।
  • पुलिस और नौकरशाही में जवाबदेही बढ़ानी होगी: नियुक्तियाँ और पदोन्नति योग्यता के आधार पर होनी चाहिए। साथ ही अधिकारियों की कार्यशैली पर नियमित निगरानी जरूरी है।
  • भ्रष्टाचार उजागर करने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी: व्हिसलब्लोअर को कानूनी संरक्षण और सम्मान मिलना चाहिए। इससे और लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ आगे आएँगे।

यदि आप भारत में किसी भी सरकारी विभाग या अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार (Corruption) की शिकायत करना चाहते हैं, तो आप सीधे केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं। यह भारत सरकार का आधिकारिक पोर्टल है, जहाँ आम नागरिक सुरक्षित और पारदर्शी तरीके से अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं।

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