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Clean City Ranking India 2025: स्वच्छता में इंदौर फिर बना नंबर 1

Swachh Survekshan 2025 के नतीजे घोषित हो चुके हैं और एक बार फिर इंदौर ने पूरे भारत में Clean City की पहचान कायम रखते हुए पहला स्थान हासिल किया है। आइए जानें इस उपलब्धि के पीछे की रणनीति, अन्य टॉप शहर और नागरिकों की भूमिका।

Indore Cleanest City Again: Swachh Survekshan 2025 Highlights

भारत सरकार द्वारा आयोजित Swachh Survekshan 2025 के नतीजे सामने आ चुके हैं और एक बार फिर Indore Cleanest City बनकर सामने आया है। इंदौर ने लगातार 8वीं बार भारत के सबसे Clean City का खिताब अपने नाम किया। इस सर्वेक्षण में देश के 4500 से अधिक शहरों का मूल्यांकन किया गया।

👉 जानें इंदौर की स्वच्छता रणनीति और मॉडल

Clean city Surat

Top Clean Cities India 2025 की सूची:

  1. इंदौर (मध्य प्रदेश)
  2. सूरत (गुजरात)
  3. नवी मुंबई (महाराष्ट्र)
  4. विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश)
  5. भोपाल (मध्य प्रदेश)
  6. वडोदरा (गुजरात)
  7. गांधीनगर (गुजरात)
  8. पुणे (महाराष्ट्र)
  9. नासिक (महाराष्ट्र)
  10. राजकोट (गुजरात)

इन शहरों ने Clean City Ranking India 2025 में शीर्ष स्थान प्राप्त कर यह सिद्ध कर दिया है कि सतत प्रयास, नागरिक सहभागिता और तकनीक के सही उपयोग से स्वच्छता को अपनाया जा सकता है।

Swachh Survekshan क्या है?

Swachh Survekshan भारत सरकार की एक फ्लैगशिप पहल है जो शहरी स्थानीय निकायों के प्रदर्शन को साफ-सफाई, अपशिष्ट प्रबंधन, नवाचार और जनभागीदारी के आधार पर आंकती है। यह सर्वे स्वच्छ भारत मिशन (Uraban) के अंतर्गत किया जाता है।

मुख्य मापदंड:

  • डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण
  • गीले और सूखे कचरे का अलग प्रबंधन
  • सार्वजनिक शौचालयों की सफाई
  • नागरिक फीडबैक (MyGov Citizen Feedback Portal)
  • डिजिटल पहल और इनोवेशन

Indore Clean City Model: सफलता की कहानी

इंदौर की Clean City बनने की कहानी केवल नगर निगम तक सीमित नहीं है। यह एक ऐसा उदाहरण है जहाँ जनता, प्रशासन और तकनीक मिलकर शहर को साफ-सुथरा बनाते हैं।

  • हर घर से नियमित डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण
  • सूखा और गीला कचरा अलग-अलग निपटाया जाता है।
  • कचरा वाहनों में GPS ट्रैकिंग की सुविधा।
  • स्मार्ट डस्टबिन और रियल टाइम मॉनिटरिंग।

नागरिकों की भूमिका

इंदौर के नागरिकों ने स्वच्छता को केवल सरकारी अभियान नहीं बल्कि एक जीवनशैली बना लिया है। यही वजह है कि यह शहर लगातार Clean City Ranking India में टॉप पर बना हुआ है।

  • सड़कों पर थूकना और कूड़ा फेंकना सख्त वर्जित।
  • हर नागरिक कचरा अलग करता है।
  • स्कूल, कॉलेज और RWAs में नियमित जागरूकता अभियान।

यहाँ स्वच्छता के क्षेत्र में अपनाई गई कुछ स्मार्ट पहलें (Smart Initiatives) दी गई हैं:

वेस्ट टू कंपोस्ट प्लांट्स (Waste to Compost Plants)

कचरे से खाद बनाने वाले ये प्लांट्स गीले कचरे को जैविक खाद में परिवर्तित करते हैं। इससे न केवल कचरे का निपटान आसान होता है, बल्कि किसानों को प्राकृतिक उर्वरक भी मिलता है।

जीरो वेस्ट ज़ोन (Zero Waste Zones)

इन ज़ोन में कचरा पूरी तरह से रिसाइकल या री-यूज़ किया जाता है, जिससे किसी भी प्रकार का कचरा लैंडफिल में नहीं जाता। यह मॉडल पर्यावरण के अनुकूल है और शहर की स्वच्छता को बनाए रखने में सहायक है।

एआई-आधारित बिन मॉनिटरिंग (AI-Based Bin Monitoring)

स्मार्ट सेंसर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके कचरे के डिब्बों की स्थिति को रियल टाइम में मॉनिटर किया जाता है। इससे समय पर सफाई सुनिश्चित होती है और बदबू या कचरे के ओवरफ्लो की समस्या नहीं होती।

नागरिक सहभागिता ऐप्स (Citizen Engagement Apps)

स्वच्छता को जन आंदोलन बनाने के लिए नगर निगम द्वारा ऐसे मोबाइल ऐप्स लॉन्च किए गए हैं जिनसे नागरिक सीधे सफाई से संबंधित समस्याएं रिपोर्ट कर सकते हैं, सुझाव दे सकते हैं या सफाई गतिविधियों में हिस्सा ले सकते हैं।

Clean City Ranking India का महत्व

Clean City Ranking India 2025 सिर्फ एक सूची नहीं है, यह देश की स्वच्छता की दिशा में उठाए गए कदमों का आईना है। इससे न सिर्फ शहरों को अपनी स्थिति समझने का अवसर मिलता है, बल्कि एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा भी उत्पन्न होती है।

  • यह रैंकिंग साल दर साल नागरिकों को जागरूक करती है।
  • प्रशासनिक जवाबदेही बढ़ती है।
  • निवेश और पर्यटन को बढ़ावा मिलता है।

सर्वेक्षण से जुड़े तथ्य

  • इस बार 4500+ शहरों ने भाग लिया।
  • 70% स्कोर फील्ड वेरिफिकेशन पर और 30% स्कोर MyGov Citizen Feedback Portal के माध्यम से प्राप्त फीडबैक पर आधारित था।
  • डिजिटल रिपोर्टिंग और जीआईएस मैपिंग का इस्तेमाल बढ़ा।

🌐 अधिक जानकारी के लिए देखें:

इंदौर की सफलता बताती है कि Clean City बनना सिर्फ एक पुरस्कार तक सीमित नहीं है, यह नागरिकों की मानसिकता और प्रतिबद्धता का परिणाम है। Clean City India 2025 (Swachh Survekshan Awards 2025) की यह यात्रा हमें दिखाती है कि स्मार्ट तकनीक, प्रशासनिक इच्छाशक्ति और जनसहभागिता से हर शहर इंदौर बन सकता है। इंदौर, सूरत और नवी मुंबई जैसे शहर एक उदाहरण हैं कि नागरिक और प्रशासन मिलकर बड़े बदलाव ला सकते हैं। अगर हर शहर अपनी स्वच्छता रणनीति पर ईमानदारी से काम करे, तो 2030 तक भारत को पूर्णतः स्वच्छ और कचरा मुक्त बनाना संभव है।

क्या अगली बार आपका शहर Top Clean Cities India की सूची में होगा?

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