आठ सिद्धियां Ashta Siddhi with Photo maa sita and hanuman

Ashta Siddhi (आठ सिद्धियां): 8 रहस्यमयी शक्तियां जो इंसान को बना सकती हैं अजेय

भारतीय संस्कृति में योग, तप और साधना का विशेष महत्व है। पुराणों और शास्त्रों में बताया गया है कि गहन साधना से इंसान केवल शरीर और मन पर ही नहीं, बल्कि प्रकृति पर भी नियंत्रण पा सकता है। इन अद्भुत शक्तियों को आठ सिद्धियां (Ashta Siddhi) कहा जाता है।

कहा जाता है कि हनुमान जी स्वयं इन आठों सिद्धियों के स्वामी हैं और उनकी भक्ति करने वाला साधक भी इन शक्तियों की प्राप्ति कर सकता है। यही कारण है कि आज भी लोग “अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता” वाली चौपाई को याद करके हनुमानजी की कृपा पाने का प्रयास करते हैं।

आठ सिद्धियां (Ashta Siddhi) क्या हैं?

आठ सिद्धियां वास्तव में वे आठ रहस्यमयी शक्तियां हैं, जिन्हें प्राप्त करने के बाद इंसान साधारण नहीं रहता। यह शक्तियां केवल शरीर को बदलने तक सीमित नहीं, बल्कि इच्छाओं की पूर्ति, दूरस्थ वस्तुओं को प्राप्त करना और दूसरों को वश में करने जैसी क्षमता भी देती हैं।

माता सीता और आठ सिद्धियों (Ashta Siddhi) का वरदान

भारतीय धर्मग्रंथों में यह उल्लेख मिलता है कि माता सीता ने ही हनुमान जी को “अष्ट सिद्धि और नौ निधि” का दाता बनाया था। जब लंका दहन के बाद हनुमान जी माता सीता से मिलने पहुंचे और उनके चरणों में सिर झुकाया, तब माता सीता ने प्रसन्न होकर उन्हें यह आशीर्वाद दिया कि वे चाहें तो अपने भक्तों को यह आठों सिद्धियां और नौ निधियां प्रदान कर सकते हैं।

हनुमान चालीसा की प्रसिद्ध चौपाई—
“अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता।”
सीधे-सीधे इस घटना की ओर संकेत करती है।

इसका अर्थ है कि माता सीता ने हनुमान जी को दिव्य सामर्थ्य का वरदान दिया था। यह केवल एक धार्मिक कथा नहीं, बल्कि एक संदेश भी है—जब इंसान निःस्वार्थ भाव से सेवा करता है, तो उसे ऐसी दिव्य शक्तियां प्राप्त होती हैं जो साधारण मनुष्य के पास नहीं होतीं।

यही कारण है कि हनुमान जी को आज भी भक्त अष्ट सिद्धियों और नौ निधियों के स्वामी मानकर उनकी पूजा करते हैं।

अब आइए एक-एक करके समझते हैं सभी 8 सिद्धियों (Ashta Siddhi) को:

1. अणिमा सिद्धि (Anima Siddhi)

इस सिद्धि से साधक अपने शरीर को इतना छोटा कर सकता है कि वह कण जितना सूक्ष्म हो जाए। मानो कोई इंसान हवा में गायब हो गया हो। अणिमा सिद्धि यह सिखाती है कि आत्मबल से भौतिक सीमाएं तोड़ी जा सकती हैं।

2. महिमा सिद्धि (Mahima Siddhi)

महिमा का अर्थ है स्वयं को ब्रह्मांड जितना विशाल कर लेना। यह शक्ति बताती है कि साधक चाहे तो आकाश से भी बड़ा हो सकता है। महिमा का संदेश यह है कि जब आत्मबल बढ़े तो इंसान दुनिया की सीमाओं से भी आगे निकल सकता है।

3. गरिमा सिद्धि (Garima Siddhi)

इस सिद्धि से साधक अपने शरीर को इतना भारी बना सकता है कि कोई उसे हिला भी न सके। यह शक्ति बताती है कि जब आंतरिक संकल्प मजबूत हो, तो बाहरी ताकतें उसे डिगा नहीं सकतीं।

4. लघिमा सिद्धि (Laghima Siddhi)

लघिमा का अर्थ है बेहद हल्का हो जाना। साधक पंख से भी हल्का होकर कहीं भी उड़ सकता है। यह सिद्धि समझाती है कि जब मन बोझमुक्त हो, तब इंसान जीवन में बहुत आगे बढ़ सकता है।


5. प्राप्ति सिद्धि (Prapti Siddhi)

इस शक्ति से साधक मनचाही वस्तु, व्यक्ति या स्थान को तुरंत पा सकता है। प्राप्ति सिद्धि हमें यह समझाती है कि जब मन एकाग्र हो तो असंभव भी संभव हो सकता है।


6. प्राकाम्य सिद्धि (Prākamya Siddhi)

यह इच्छानुसार कार्य सिद्ध करने की शक्ति है। चाहे प्रकृति हो या परिस्थिति, सब साधक की इच्छा के अनुसार बदल सकती है। साधारण भाषा में कहें तो “मनोकामना पूर्ति” यही सिद्धि है।


7. ईशित्व सिद्धि (Ishitva Siddhi)

ईशित्व का अर्थ है “ईश्वरत्व” यानी सब पर नियंत्रण। साधक इतना समर्थ हो जाता है कि प्रकृति भी उसकी आज्ञा का पालन करती है। यह शक्ति हमें यह सिखाती है कि आत्मबल से इंसान अपनी किस्मत बदल सकता है।


8. वशित्व सिद्धि (Vashitva Siddhi)

इस शक्ति से साधक किसी को भी अपने वश में कर सकता है। वशित्व का मतलब है कि साधक के सामने दूसरों की इच्छा शक्ति भी झुक जाए।


Ashta Siddhi आठ सिद्धियां और हनुमान जी

हनुमान जी को अष्ट सिद्धियों का दाता माना जाता है। हनुमान चालीसा में स्पष्ट कहा गया है:
“अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता।”
इसका मतलब है कि सीता माता ने हनुमान जी को यह वरदान दिया था कि वे चाहें तो भक्तों को अष्ट सिद्धियां और नौ निधियां प्रदान कर सकते हैं।


आठ सिद्धियों का महत्व आज के समय में

कई लोग सोचते हैं कि यह सिर्फ पुराणों की बातें हैं। लेकिन अगर इसे गहराई से समझें तो ये सिद्धियां असल में मानव क्षमता और आत्मबल के प्रतीक हैं।

  • अणिमा सिखाती है कि हमें विनम्र रहना चाहिए।
  • महिमा बताती है कि बड़ा सोचना जरूरी है।
  • गरिमा यह याद दिलाती है कि आत्म-संकल्प मजबूत होना चाहिए।
  • लघिमा हमें सिखाती है कि जीवन में हल्कापन और सरलता जरूरी है।
  • प्राप्ति हमें लक्ष्य हासिल करने की प्रेरणा देती है।
  • प्राकाम्य हमें बताती है कि सच्ची इच्छा कभी व्यर्थ नहीं जाती।
  • ईशित्व यह सिखाती है कि आत्मबल से सब कुछ संभव है।
  • वशित्व यह बताती है कि नेतृत्व और आकर्षण से लोग अपने आप प्रभावित होते हैं।

आठ सिद्धियां केवल रहस्यमयी कथाएं नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला भी हैं। यह हमें यह समझाती हैं कि अगर मन, आत्मा और शरीर को साध लिया जाए तो इंसान के लिए कुछ भी असंभव नहीं।

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